Wednesday, 3 April 2013

मार्कण्डेय कार्टूज साहब


भ्रष्टाचार विरोधी जन आन्दोलन
अन्ना हजारे जिंदाबाद अन्ना हजारे जिंदाबाद अन्ना हजारे जिंदाबाद अन्ना हजारे जिंदाबाद अन्ना हजारे अन्ना हजारे जिंदाबाद
सदस्य -जसवन्त सिंह जंगपांगी
माननीय पूर्व जज माननीय सुप्रीमकोर्ट
चियर मैन प्रेस क्लब आफ इण्डिया
मार्कण्डेय कार्टूज साहब
सजा याफता जसवन्त सिंह जंगपांगी
माननीय देश भर में हर कोई भाग्यशाली नहीं होता है संजय दत्त की तरह, जिसकी सजा पर आपकी सिफारिश होती है | संजय दत्त एक अच्छे एक्टर कहे जा सकते है, लेकिन एक अच्छा इंसान नहीं |
देश मै कानून पैसों मे बिकता है इन्साफ पैसों ओर सहयोगियो के सहारे मिलता है | संवेदन विहीन ह्रदय विहीन है न्यायपालिका 12-14 साल के गगन सिंह जगत सिंह आदिवासी 2005 से न्यायिक हिरासत में जिला जेल हरिद्वार उत्तराखंड में हर न्यायिक प्रक्रिया व्यस्को के तरह क्योकि आपके तरह सिफारिश करने वाला कोई नहीं आदिवासी वनरोत देश में सबसे निर्धन अज्ञान दुर्लभ सबसे कम जनसंख्या जिनका आज तक तनिक भी आपराधिक इतिहास नही रहा है, जिनकी जनसंख्या दिन प्रतिदिन घटती जा रही है, जिनका उपयोग सभ्य समाज कमाई तथा राजनीति में करता है | आज भी आदम स्थिथि मै रहते है | जेल से पत्र लिखते है | नैनीताल जाओ पुष्पा जोशी को वकील रखो, मेडिकल कालेज से हमारा परीक्षण करो हम नाबालिग है हमने हत्या भी नहीं किया है हम रिहा हो जायेंगे हमारे एक साथी ने ऐसा किया रिहा हो गया | सभ्य समाज के साथ रहते हुए बहुत कुछ सिखा उन्होंने आज उन्हें अपने समाज क्षेत्र कोम तथा निर्धनता पर रोना आता होगा | मीडिया भी नहीं लिखती है | संवेदन शील क्षेत्र में पत्रकारिता, अतिक्रमणकारी तथा टेकेदार करते है जो राजनेताओ पुलिस प्रशासन को खुश करने के लिए पत्रकारिता करते है |
माँ बाप के पास साधन तथा साहस नहीं कि मिलाने जाय तथा पेरवी कर सके | कभी आदिवासी मान सिंह जोलजीबी थाने से लापता, चुप रहने के लिए समाज के टेकेदारो ने पत्नी के नाम लाखो की बैंक एफ डी पुलिस ने की है | महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड के जांच आदेश परा २०१० से कार्यवाही नहीं |
माननीय हाईकोर्ट द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निशुल्क विधिक सेवा से अपील को संवेदन विहीन होकर ख़ारिज किया है |
शर्मनाक है 5 हजार के अभाव मे अनुसूचित जाति महिला का घर सामानों की नीलामी पत्नी को सजा फिर मृत्यु 13 सालो का संघर्ष,रिवीजन में रिवीजन स्टे ख़ारिज तारीक में तारीक फैसला कब |
लोक तंत्र का अजूबा केस 243/006 माननीय मुख्य न्यायधीश सुप्रीम हाईकोर्ट को लिखे पत्रों का अवलोकन करे मुझे सजा अधिकारों का दुरूपयोग तथा न्यायिक प्रणालीयो का उल्लघन है जो की आर टी आई से साबित हो चुका है जिसका एक एक साक्ष्य मेरे ब्लॉग में उपलब्ध है | देश तथा कानून से बढकर कोई नही सबसे बड़ा भ्रष्टाचार एल आई सी मै 500 करोड़ का मुवावजा भी कम है एल आई सी पर मेरा | एल आई सी के इतिहास में एक नया चेप्टर जोड़ा है एक आदिवासी ने आपकी मीडिया लिखेगी दिखायेगी कभी नहीं |
जय हिन्द जसवन्त सिंह जनपांगी  

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