Monday, 8 July 2013

उत्तराखंड देव भूमि में तबाही हर तन्त्र नाकाम

माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तराखंड शासन देहरादून

उत्तराखंड देव भूमि में तबाही हर तन्त्र नाकाम, कही ये गरीब बेबस लाचार तथा आदिवासियों दलितों की हाय तो नहीं नेताओं चंद राजनेताओ तथा प्रशासनिक अधिकारियो एवं माफियाओं ने भरपूर फायदा उठाया है अलग उत्तराखंड राज्य बनने का बांकी सब तबाह है | उत्तराखण्ड में दो दिन में निपटा जा सकता था देवी आपदा से यदि उत्तराखण्ड आज भी उत्तर प्रदेश का हिस्सा होता तो, माननीय आजमा खां कुछ हद तक सही कहते है |

बहुत शुब्ध हूँ में देव भूमि की दुर्दशा देख कर मेरा सौभाग्य है मेने 12 साल उत्तराखंड के दुर्गम से दुर्गम क्षेत्र में कठोर सेवा की है हर आपदा को सहा है | सीजन में नहीं आफ सीजन में दर्शन किया है चारो धामों का ऐसा मंजर कभी नहीं देखा आज पूर्व के नेपाल तथा उत्तराखण्ड में कोई फर्क नहीं रह गया है जहां न्यायालय पुलिस अधिकारी के कार्यालय,तहसील,जिला परिसर में खुले आम शराब बिकती है, सुविधा चुनाव राष्ट्रिय पर्वो में भी बरकरार रहती है | प्रदेश में कानून तोड़ने वाले माला माल हो गये है कानून का पालन करने वाले कंगाल | तबाही हुए है प्रशासन शाशन की गैर जिम्मेदाराना हरकतों के चलते, डेंजर जोन 5 में अति सवेदनशील भूकम्पीय दृष्टि से जंहा बहुमंजिला इमारत का निर्माण वर्जित है पालन करता है कौन, डमी देवी आपदा की त्रास्तिया में देवी आपदा से कम गलत निर्माणों तथा व्यवस्थाओं से ज्यादा साबित हो चूका है | बिना सोचे समझे नदियों के किनारे, चट्टानों के नीचे इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करना, मालपा कांड से सबक लिया होता | इस तबाही से बचा जा सकता था | 10 गुना ज्यादा लोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चरो में, आज उत्तराखंड के हर दुर्गम क्षेत्र में
गुरिल्ला प्रशिक्षण प्राप्त हजारो लोग हर गाँव में निवास करते है | दुर्गम क्षेत्र में काली, गोरी, अलकनंदा,भागीरथी नदियों को उफनते बहाव में स्थानीय लोग आर पार करते है थोडा साधन,प्रशिक्षण देकर देवी आपदा तथा पर्यावरण संरक्षण में उनका उपयोग किया जा सकता है | रेस्क्यू टीम हर गाँव में तैयार की जा सकती है | चार धाम यात्रा भी कैलाश मानसरोवर यात्रा की ततर्ज पर होनी चाहिये उन्हें सुरक्षा मेडिकल से सुसज्जित होना चाहिए | चारो धामों की यात्रा |

में एक सजा याफ्ता हूँ LIC भ्रष्टाचार में संघर्ष करने पर निर्दोष था तभी अपील नहीं किया था RTI ने साबित किया है सजा न्यायिक प्रणालियों का उल्लघन अधिकारियों का दुरूपयोग था |

सजा इतिहासिक जेल अल्मोड़ा में काटी है जहां महान आत्मा पंडित जवाहर लाल नेहरु ने देश की आजादी के लिये यातना भोगी थी बहुत प्ररेणा देती है नेहरु जी का जीवन |

उत्तराखण्ड में घिनोने गरीब बेबस लाचार आदिवासी अनुसूचित जातिओ के उत्पीड़नो भ्रष्टाचारो का पर्दाफास जिसमे माननीय न्यायपालिका भी अछूती नहीं | जहा कुम्भ पर्व में भ्रष्टाचार व्याप्त होता हो वहा क्या होगा भ्रष्टाचारियो का आपरेशन होना चाहिये |
http://humancorruption.blogspot.in/ की अवलोकन की कृपा की जाय |

जसवंत सिंह जंगपांगी 

1 comment: