हिंदुस्तान, पाकिस्तान में अंतर क्या? दोनों सवेदन विहीन पाकिस्तान ने 14 साल के बच्चे को फांसी चढ़ा दी| हिंदुस्तान ने 12 , 14 के बच्चों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी | निर्धनता , अज्ञानता के चलते दोनों देशो में बाल अधिकार कानून रहते हुए भी अपने को नाबालिक साबित नही कर पाये | माननीय कैलाश सत्यार्थी नोवल पुरस्कार विजेता आपने सैकड़ो नबालिको को होटलों फैक्ट्रीयो और बंधुवा मजदूरी से छुटकारा दिलाकर उनका बचपन बचाया है क्युंकि उपरोक्त कानून से डरते है लेकिन राजपाल, मुख्यमंत्री और न्यायधिष कानून से नही डरते है| सवेधनविहीन होकर वनराजी आदिवासी के नबालिको को न्यायधिष ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी जिन से मिलने वाला तथा पैरवी करने वाला कोई नही| पेरोल उनके लिए एक दिव्य सपने की तरह बाल संरक्षक आयोग तथा अन्यो के जांच में कई बार नाबालिक साबित हो चुके है. फिर भी रिहाई नही होती बिना पेरोल के आजीवन कारावास मृत्यु दंड से भी कठोर सजा है|
(माननीय सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार)
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