रिहाई के लिये
दिल नही पसीजा डॉ कुरैशी का
डॉ कुरैशी प्रशिक्षु न्यायिक मजिस्ट्रेटों को नसीयत दे गए गरीबों, लाचारों, बेबसों के लिये लेकिन स्वयं कार्य कर गए साधन संम्पन्न राजनीतिक पहुंच वालों को सजा से मुक्त करके माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अवमानना से क्या यही लोकतंत्र है?
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