Saturday 24 October 2015

सैकड़ों  आवेदनो के बाद कई संघर्षो महामहिम राष्ट्रपति ने कार्यवाही आरम्भ कर दिए सबूतों  के ढेर है मेरे पास नही है तो पैसा जिसके चलते मै आदिम जनजाति को इंशाफ़ नही दिला  पा रहा हू  ब्लॉग मई एक एक सबूत  है मै  माननीय केजरीवाल तथा आम आदमी पार्टी का आभारी हु जिन्होंने मुझे सहयोग किया आखिरी सांसों तक मई प्रयास करूँगा 


शर्मनाक है समूचे विश्व के मानव अधिकार के लिए घड़याले आँशु बहाने वाले मिडिया राजनेता समाज के ठेकेदारों के लिए  महामहिम माननीयों के लिए १२ - १४ की आयु से अवयस्क जन जाति के आजीवन कारावास की सजा उत्तराखंड के जेलों मई वयस्कों के साथ काट रहे है वर्ष २००५ से मिलने वाला पैरवी करने वाला कोई नही।  सम्पूर्ण समुदाय बी पी एल एवं अशिक्षित आज भी आदम स्थिति मै. वन राजी जनजाति की संख्या घटते जा रही हैं।  वन जनजाति मान सिंह २००७ से पुलिस हिरासत से लापता हैं। 
महामहिम राज्यपाल बाल संरक्षण आयोग तथा माननीय हाई कोर्ट नैनीताल के जाँच आदेश पर वर्ष २००५ मैँ अवयस्क कैदी मात्र १२-१४ साल के थे फिर रिहाई मै संकोच क्यों ?