Friday 12 April 2013

12 -14 साल के आदम आदिवासी नाबालिगो को आजीवन कारावास


12 -14 साल के आदम आदिवासी नाबालिगो को आजीवन कारावास
हर न्यायिक प्रक्रिया व्यस्को की तरह जिला जय हरिद्वार

सेवा में
महामहिम राष्ट्रपति महोदय
भारत सरकार नई दिल्ली

विषय :- विलोपन के कगार में दुर्लभ आदिवासी जिनकी जनसंख्या देश में सबसे कम कुपोषण अल्प आयु के शिकार संख्या घटती जा रही है | आज भी आदम स्थिति में जिनका तनिक भी अपराधिक इतिहास न रहा हो राजिवनरोत के नाबालिग को आजीवन कारावास में माफ़ी दया के आधार पर मुक्ति देने हेतु अनुरोध |

महामहिम,

गगन सिंह, जीत सिंह, जगत सिंह, मोहन सिंह ग्राम किमतोली जमतड़ी तहसिल डीडीहाट जनपद पिथौरागढ़ उत्तराखंड जिला कारावास हरिद्वार उत्तराखण्ड में साथी के हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे है 2005 से | हर न्यायिक प्रक्रिया व्यस्को की तरह क्योकि पैरवी तथा बोलने वाला कोई नहीं जो सरासर अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लघंन है | माँ बाप तथा उनके कोम में साहस तथा आर्थिक तंगी के कारण सभ्य समाज तथा उनके कानूनों का सामना करने का हिम्मत नहीं है | वारदात के समय उपरोक्तो की आयु 12 -14 साल की थी स्कूल तथा ग्राम सभा के रिकार्डो में सभ्य समाज उनका उपयोग कमाई तथा राजनीति में करता है उनके समाजिक न्याय और अधिकारों में बोलने वाला कोई नहीं |उपरोक्तो से मिलने के लिए जेल में माँ बाप रिश्तेदार डर से नहीं जाते है | सभ्य समाज के साथ रहते हुए आदिवासियों ने जेल से बहुत कुछ सीखा है | आज उन्हें अपने विरादरी माँ बाप तथा क्षेत्र के अज्ञानता जंगलीपन निर्धनता तथा संवेदन विहीनता होने पर रोना आता होगा | जेल से पत्र लिखते है हमने पाचवी पास कर लिया है हमसे मिलने आओ नैनीताल जाओ पुष्पा जोशी को वकील रखो हमारा मेडिकल परिक्षण कराओ हम नाबालिग है हमने हत्या भी नही की है | हम रिहा हो जायेंगे हमारे एक साथी के बाप ने ऐसा किया सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज में परिक्षण हुआ रिहा हो गया |माँ बाप तथा कोम में साहस तथा आर्थिक मजबूती तथा जागरूकता की कमी है तभी तो जंगली है असभ्य नाबालिग है महामहिम के दया के पात्र है | उन्हें माफ़ी या उनके मामले में विशेष जांच की जाय | देश का कानून तभी अतिसुन्दर कहलायेगा समूचे विश्व में जब गरीब से गरीब अज्ञानी से अज्ञानी आर्थिक तथा सहयोगियों के अभाव में भी इन्साफ एवं अधिकार मिले | में एक सजा याफ्ता हूँ निर्दोष था तभी अपील नहीं किया | R.T.I. ने साबित किया मुझे सजा अधिकारों का दुरूपयोग न्यायिक प्रणालियों का उल्लघंन है |

बहुत कुछ किया मेने राष्ट्र के लिए देश ने मुझे सजा याफ्ता बना दिया तब भी देश प्रेम है जो आखरी सांसो तक रहेगा | बहुत मुश्किलों अभावो को सहा है तब भी अकेला कई भष्ट्राचारो उत्पीड़नो में संवेदनाओ में अकेला संघर्ष किया है | ब्लॉग में एक एक साक्ष्य है जिसका अवलोकन समूचा विश्व कर रहा है | समस्त मामलो में राष्ट्रीय जांच एजंसी की चांज की कृपा की भी गुजारिश करता हूँ |

सादर से
जसवंत सिंह जंगपांगी   

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